अरुण प्रभा’ पर जल्द देखिए संत शंकरदेव का जीवन
‘अरुण प्रभा’ पर जल्द देखिए संत शंकरदेव का जीवन
राष्ट्रीय एकात्मता का देता है संदेश।
पूर्वोत्तर भारत को दुनिया उसके प्राकृतिक सौंदर्य के लिए ही ज्यादा जानती है। लेकिन मोदी सरकार की “लुक टुवर्ड्स नार्थ ईस्ट” की पहल के चलते अब भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की सांस्कृतिक मूल्यों एवं विरासत के साथ-साथ वहां के संत महात्माओं के जीवन और उनके देश और समाज के लिए गए उल्लेखनीय कार्यों को नई पीढ़ी से परिचित करवाने के प्रयास जारी हैं। असम के एक ऐसे ही संत श्रीमंत शंकरदेव के जीवन पर आधारित धारावाहिक” महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव” जल्द ही दूरदर्शन के नए चैनल “अरुण प्रभा” पर प्रसारित किया जायेगा। यह चैनल विशेषरूप से पूर्वोतर भारत को समर्पित है। उल्लेखनीय है कि 26 एपिसोड के इस धारावाहिक का निर्माण अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज संस्थान, गुवाहाटी ने किया है।
50 दिन के शूटिंग, 100 दिन के संपादन के बाद यह धारावाहिक अब प्रसारण हेतु तैयार हो चुका है। ख़ास बात है कि इसमें अभिनय करने वाले 90 प्रतिशत कलाकार स्थानीय हैं। इसे लेकर प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में धारावाहिक के निर्माण एवं इससे सम्बंधित विविध आयामों की जानकारी देते हुए अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज संस्थान, गुवाहाटी के निदेशक और धारावाहिक के निर्माता लक्ष्मीनारायण भाला ने बताया कि जब भारत में मुस्लिम आक्रमण हो रहा था और चरों तरफ अपनी संस्कृति को बचाने के लिए भक्ति आन्दोलन हो रहे थे। और हर कोई ईश्वर के किसी एक रूप की आराधना कर रहा था ऐसे में शंकरदेव ने भारत को ही अपना आराध्य माना। जात-पात,ऊँच-नीच, बाल विवाह और बली प्रथा पर कुठाराघात करते हुए समाज को सन्देश दिया कि ऐसा करने से ईश्वर प्रसन्न नहीं बल्कि कुपित होते हैं। उन्होंने बताया कि 119 वर्ष तक जीवित रहे महापुरुष शंकरदेव ने संस्कृत, असमिया एवं ब्रिज भाषा में कई गीत एवं ग्रंथों की रचना की। “करतल कमल कमल दल नयन” रचना में भगवान् विष्णु के अद्भुत वर्णन ने उनको भरपूर ख्याति प्रदान की और वे शंकर से शंकर देव हो गए।
कार्यक्रम में असम सत्र महासभा के सभापति आचार्य जितेन्द्र प्रधानी, महामंत्री कुसुमकुमार महन्त, असम साहित्य-संस्कृति के ज्येष्ठ अध्येता हेमचन्द्र सैकिया के साथ धारावाहिक के निर्देशक विजय शर्मा मौजूद थे। इस मौके पर हेम चन्द्र सैकिया द्वारा संत शंकरदेव पर लिखित एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। धारावाहिक के निर्देशक विजय शर्मा ने बताया कि यह धारावाहिक राष्ट्रीय एकात्मता का संदेश देता है। इसके कुछ संपादित दृश्यों को दिखाया भी गया।