Friday, March 29, 2024
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आसियान सम्मलेन में बोले पीएम मोदी, ‘हमारा लक्ष्य सिर्फ सुधार का नहीं बल्कि बदलाव के लिए सुधार करने का है’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आसियान सम्मलेन में कहा, हमने वित्तीय समायोजन के मार्ग पर बढ़ना शुरू कर दिया है। हमारा लक्ष्य सिर्फ सुधार का नहीं बल्कि बदलाव के लिए सुधार करने का है। निजी एवं विदेशी निवेश के लिए विचार सकारात्मक हो गए हैं। हमने बीते दौर की कर प्रणाली को खत्म कर दिया है, हम पारदर्शी और पूर्वानुमान योग्य कर व्यवस्था उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाने की दिशा में कई पहल करने के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुधार भारत में बदलाव लाने के लक्ष्य की दिशा में बढ़ने का एक मार्ग है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने पारदर्शी और सुस्पष्ट कर व्यवस्था के साथ बौद्धिक संपदा अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प भी व्यक्त किया।

आसियान कारोबार और निवेश शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले 18 महीने में मुद्रास्फीति को कम करने के साथ उच्च जीडीपी वृद्धि दर की ओर उन्मुख होने और विदेश निवेश को बढ़ावा देने जैसे कार्य किये हैं। उन्होंने कहा, सुधार अपने आप में कोई अंतिम बिंदु नहीं है। सुधार लम्बी यात्रा के गंतव्य की ओर बढ़ने का एक मार्ग है। लक्ष्य भारत में बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि मई 2014 में जब भाजपा नीत सरकार सत्ता में आई तब अर्थव्यवस्था उच्च राजकोषीय और चालू खाता घाटे से जूझ रही थी और आधारभूत संरचना परियोजना रूकी हुई थी तथा मुद्रास्फीति लगातार बनी हुई थी।

प्रधानमंत्री ने कहा, यह स्पष्ट था कि सुधार जरूरी है। हमने अपने आप से सवाल किया कि किसके लिए सुधार? सुधार का लक्ष्य क्या हो? क्या यह केवल जीडीपी की दर में वृद्धि के आकलन के लिए हो? या समाज में बदलाव लाने के लिए हो। मेरा जवाब स्पष्ट है, हमें बदलाव लाने के लिए सुधार लाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के फल को उन क्षेत्रों तक ले जाना होगा जो इससे वंचित हैं। इसे आबादी के निचले स्तर तक ले जाना होगा। हमें आसमान की उंचाइयों को छूते हुए जिंदगियों को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीने के हमारे कार्य से यह सुनिश्चित हुआ है कि जीडीपी वृद्धि दर ऊपर गयी है और मुद्रास्फीति नीचे आई है विदेशी निवेश ऊपर गया है और चालू खाता घाटा नीचे आया है कर राजस्व ऊपर गया है और ब्याज दर नीचे आई है, राजकोषीय घाटा नीचे गया है और रुपया स्थिर हुआ है।

ढांचागत और संस्थागत सुधार समेत कई अन्य पहलों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार कर व्यवस्था को पारदर्शी और सुस्पष्ट बनाना सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है जहां पर गंभीर निवेशकों और ईमानदार करदाताओं को तेजी से और भेदभावरहित ढंग से निर्णय प्राप्त हो सकें।

उन्होंने कहा, इससे भी आगे, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सभी नवोन्मेषकों के बौद्धिक संपदा अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने को प्रतिबद्ध है। हमने पारदर्शिता और बौद्धिक संपदा प्रशासन को ऑनलाइन बनाने के लिए कई पहल की हैं। इस वर्ष के अंत तक व्यापक राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति आने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री ने कहा, निवेश के प्रवाह में नयी जान डालने के लिए दूसरे स्तर के ढांचागत और वित्तीय सुधार पेश किये गए हैं। हम अर्थव्यवस्था को और खोलने की कोशिश कर रहे हैं तथा कराधान प्रणाली में स्थिरता लाने और इसे सुस्पष्ट बनाने की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निवेश में काफी वृद्धि हुई है और जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिए जीवाश्म ईंधन पर कार्बन कर लगाया गया है।  

विश्व अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति पूरी तरह से ठीक नहीं होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आर्थिक स्थिति बेहतर होना कई तरह की समर्पित नीतियों का परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे को कम करते हुए सार्थक सार्वजनिक निवेश में काफी वृद्धि की गयी है।

उन्होंने कहा, हम राजकोषीय सुदृढीकरण की दिशा में बढ़ रहे हैं। मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए हमने पहली बार र्जिव बैंक के साथ मौद्रिक ढांचागत समझौता किया है। इस बारे में उठाये गए कदमों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि जीवाश्म ईधन पर कार्बन कर लगाया गया है, डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त बनाया गया है, कोयले पर उपकर में तीन गुणा वृद्धि की गई है और बेकार के खचरे में कटौती की गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के बारे में भीतर और बाहर दोनों में विश्वास बढ़ा है, आईएमएफ और विश्व बैंक तक ने इस वर्ष और आगे के लिए भारतीय अर्थव्यस्था में विश्वास व्यक्त किया है। दीर्घकालीन आर्थिक स्थिरता बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य युवा हाथों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है। ऐसा होने के लिए विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 25 प्रतिशत होना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने मेक इन इंडिया अभियान शुरू किया है और कारोबार करना सरल बनाने की दिशा में सक्रियता से पहल की जा रही है।

मोदी ने कहा कि इस दिशा में प्रक्रियागत जटिलताओं को कम करने, इसे एक मंच पर लाने.विशेषकर इसे आनलाइन बनाने, फार्मो और प्रारूपों को सरल बनाने जैसे कार्यो को युद्धस्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाल में विश्व बैंक कीसुगम कारोबार संबंधी रिपोर्ट 2016′ में भारत छलांग लगाकर 12वें पायदान पर पहुंच गया है।

मोदी ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईपीपी) ने पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर स्थिति प्रदर्शित की है। हम भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे हैं। इस दिशा में उठाये गए कदमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में ढांचागत सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाये गए हैं, दुनिया का सबसे महात्वाकांक्षी सभी के लिए आवास कार्यक्रम पेश किया गया है और परिवहन के क्षेत्र में बेहतरी की दिशा में कदम उठाये गए हैं। उन्होंने कहा कि आधारभूत ढांचा परियोजना को बहाल करने और बिजली क्षेत्र को पटरी पर लाने की दिशा में समर्पित कार्य शुरू किये गए हैं।

उन्होंने कहा कि नये राजमार्ग बनाने के कार्य की गति में वृद्धि हुई है और यह 2013-14 के प्रतिदिन 9 किलोमीटर से बढ़कर अभी 23 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है। इन सभी कदमों से अर्थव्यवस्था में गुणात्मक प्रभाव पड़ेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन की प्रक्रिया में विश्वसनीयता बहाल करने को प्रतिबद्ध है।

मोदी ने कहा, मेरी सरकार ने महत्वपूर्ण वस्तुओं और कच्चे माल की आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए विधायी और प्रशासनिक कदम उठाये हैं। इसमें कोयला, अन्य खनिज और स्पेक्ट्रम शामिल हैं। इन कदमों में केंद्र में आवंटन पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया से करने की बात शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जन धन योजना के तहत 19 करोड़ नये बैंक खाते खोले गए हैं और 65 वर्षों की परंपरा से अलग हटते हुए विदेश नीति तैयार करने में राज्यों को जोड़ा गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार उन रूकावटों को दूर करने का प्रयास कर रही है जो वृद्धि की प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं। आसियान कारोबारी समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, भारत असीम अवसरों की भूमि है। हमारे लोकतांत्रिक मूल्य और सजग न्यायिक प्रणाली आपके निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। हमने दीर्घकालीन दृष्टि और खुले मन के साथ शासन का स्वरूप तय कर दिया है। हम भारत को कारोबार करने में सुगम स्थल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। और अब आपकी बारी है।

उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि हमारा आगे बढ़ने का समय गया है। हम उड़ान भरने की स्थिति में हैं। मैं आपको भारत आने और वहां बदलाव की बयार को देखने के लिए आमंत्रित करता हूं। मोदी ने कहा कि सरकार का मुख्य ध्यान भविष्योन्मुखी आधारभूत संरचना निर्माण पर है। उन्होंने कहा कि फिजूल के खचरे पर कड़ा नियंत्रण करके हमने सार्वजनिक क्षेत्र में पूंजीगत निवेश को काफी बेहतर बनाया है। ऐसे निवेश को और बढ़ाने के लिए हम निजी सार्वजनिक निवेश के मॉडल को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस दिशा में राष्ट्रीय निवेश और आधारभूत कोष स्थापित किये गए हैं ताकि सार्वजनिक निवेश को बढाया जा सके।

उन्होंने कहा कि हम कर मुक्त आधारभूत संरचना बांड ला रहे हैं ताकि करपोरेट बांड बाजार को व्यापक बनाने के साथ आधारभूत ढांचे के वित्तपोषण की दीर्घकालीन व्यवस्था हो। हम मलेशिया, सिंगापुर और अन्य आसियान देशों के साथ काम करने को उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 18 महीनों में उठाये गए कदमों से निजी निवेश के लिए माहौल बना है और विदेश निवेश का प्रवाह सकारात्मक दिशा में बढा जिसमें 40 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न वैश्विक एजेंसियों और संस्थानों की ओर से भारत का लगातार आकषर्क स्थल के रूप में उल्लेख किया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने बीमा, रक्षा और रेलवे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एफडीआई की अनुमति दी है और इसका स्तर बढ़ाया है, साथ ही अधिकांश क्षेत्रों को स्वत: मंजूरी मार्ग पर रखा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही निर्माण, चिकित्सा उपकरण जैसे क्षेत्रों को व्यवहारिक बनाया गया है और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए संयुक्त सीमा की अनुमति दी गई है। मोदी ने कहा कि एक नया दिवालिया संहिता का मसौदा तैयार किया गया है और मामलों की तेजी से सुनवाई के लिए कंपनी कानून पंचाट के गठन की पहल की गई है। उन्होंने कहा, हमने पिछली तिथि से कराधान को समाप्त किया है। उन्होंने कहा कि जनरल एंटी एव्याडेंस रूल (जीएएआर) के लागू होने को टाल दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (जीएसटी) संसद में पेश किया गया है। हमें उम्मीद है कि यह 2016 से लागू हो जायेगा। इससे देशभर में कराधान की एकीकृत व्यवस्था का सृजन होगा। आसियान देशों को भारत का नैसर्गिक सहयोगी करार देते हुए मोदी ने कहा कि यह दुनिया के एक सबसे बड़े आर्थिक क्षेत्र के रूप में उभरा है। पिछले 15 वर्षों में इसमें तीव्र और स्थिर दर पर वृद्धि देखी गई है। आपकी दीर्घकालीन आर्थिक स्थिरता आपे वृद्धि और दक्षिण पूर्व एशिया में स्थिरता का मुख्य कारण रहा है। बेहतर शासन, भविष्योन्मुखी आधारभूत संरचना और नयी प्रौद्योगिकी के साथ आपने उत्कृष्ठता का सृजन किया है।

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