‘आर्थिक स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’

लेखकः रजनीश कांत

‘आर्थिक स्वतंत्रता के बिना आत्मनिर्भरता का सपना अधूरा है’ आप अच्छी-खासी नौकरी करते हैं, हर तरह से आत्मनिर्भर हैं, बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं, शानदार जिंदगी जी रहे हैं, लेकिन क्या दावे के साथ कह सकते हैं कि आप आर्थिक तौर पर स्वतंत्र या आजाद और सुरक्षित हैं, क्या आप राजनीतिक आजादी के साथ-साथ आर्थिक स्वतंत्रता का भी आनंद उठा रहे हैं।

15 अगस्त 1947 को हम रजनीतिक तौर पर आजाद हुआ थे। महान देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी बालगंगाधर तिलक ने आजादी की जंग के दौरान नारा दिया था,” स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा।” लेकिन अब जबकि हम भारतीय आजादी की 69 वीं सालगिरह मना रहे हैं, हमारा नारा होना चाहिए, हमारा सपना होना चाहिए,” आर्थिक स्वतंत्रता, आर्थिक सुरक्षा हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे हासिल करके रहेंगे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस 15 अगस्त को दिया गया नारा “Start-Up India, Stand-Up India” लोगों को आर्थिक आजादी के लिए प्रेरित करने के लिए दिया गया है। इसके अलावा मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई याजनाओं मसलन, प्रधानमंत्री जनधन योजना, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना का लक्ष्य भी लोगों को आर्थिक स्वतंत्रता दिलाना और आर्थिक सुरक्षा देना है।

आर्थिक स्वतंत्रता या आजादी के मायने:

फाइनेंशियल एक्सपर्ट के नजरिये से आर्थिक आजादी के मायने इस प्रकार हैं-

-आर्थिक तौर पर आप इतने मजबूत हों कि अपनी शर्तों पर जिंदगी जी सकें, अपने तरीके से जीवन का आनंद ले सकें

-आपके पास इतने पैसे हों या आपने इतने निवेश कर रखा हो कि आपके सारे खर्च बिना किसी तनाव के पूरे हो सकें

-आपने इतना फंड जमा कर लिया हो जिससे कि बिना किसी की दखलअंदाजी या सहारे के सुकून से आप जीवनयापन कर सकें

-रिटायरमेंट के बाद आप इस आर्थिक तौर पर आप इस लायक हो बन जाएं कि किसी के सहारे की जरूरत आपको ना पड़े

आर्थिक स्वतंत्रता के लिए सही रणनीति:

-सबसे पहले साफ-साफ आप अपना आर्थिक लक्ष्य तय करें

-अपने लक्ष्य को शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लांग टर्म में विभाजित करें

-मौजूदा आर्थिक स्थिति के बारे में साफ-साफ आइडिया होना चाहिए

-हर तरह के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अलग-अलग निवेश की रणनीति अपनाएं

-निवेश की रणनीति बनाने के दौरान किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की मदद लेने से आपका काम आसान हो जाएगा

-निवेश के दौरान ‘जरूरत’ (Needs) और ‘चाहत’ (Wants) में फर्क करना जरूरी है

-हमेशा ‘जरूरत’ की चीज को प्राथमिकता दें

लक्ष्य हासिल करने के लिए कहां लगाएं पैसे:
म्युचुअल फंड स्कीम में निवेश आपका काम काफी हद तक आसान बना सकता है।

-लांग टर्म के लक्ष्य मसलन, रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए सिस्टैमिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में पैसे लगा सकते हैं। लेकिन, काफी जांच-परख कर प्लान चुनें।

-शॉर्ट टर्म का लक्ष्य हासिल करने में बेहतर लिक्विड फंड आपकी मदद कर सकता है

-मीडियम टर्म के लिए SIP और लिक्विड फंड में संतुलन बनाकर चलें।

आप लेखक के वित्त से जुड़े और भी लेख उनके अपने ब्लॉग पर भी पढ़ सकते है
ब्लॉग: http://beyourmoneymanager.blogspot.in/

डिस्क्लेमर: ये लेखक की निजी राय है और इसे निवेश के लिए सलाह ना समझें। ये केवल जानकारी के लिए दी गई है। कोई भी निवश से पहले अपने विवेक से फैसला लें।

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