खेती भी करना चाहता है आज का उच्च शिक्षित युवा
लेखकः डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह:
आज उच्च शिक्षित युवाओं में भी खेती और कृषि कार्य से संबंधित क्षेत्रों से जुड़ने की जबरदस्त ललक पैदा हुई है। आलम यह है कि मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने से लेकर आइआइटी ग्रेजुएट और प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थानों से एमबीए करने वाले युवा भी इस क्षेत्र के प्रति खास रुझान रख रहे हैं।
पिछले दिनों केंद्र सरकार ने फिर से किसान विकास पत्र की लॉन्चिंग की। उम्मीद की जाती है कि देश के किसानों की दशा सुधारने में इससे बहुत मदद मिलेगी। वैसे भी, हमारे देश की दो तिहाई से अधिक आबादी यानी लगभग 75 प्रतिशत जनता मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है। एक जमाना था जब पढ़े लिखे युवा खेती को उतनी तरजीह नहीं देते थे, मगर आज यह परिदृश्य बहुत ही तेजी से बदलता जा रहा है। आलम यह है कि पिछले कुछ वर्षों में उत्साही युवाओं ने मल्टी नेशनल कंपनियों की नौकरियों को छोड़कर कृषि और उससे जुड़े कारोबार के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। हालांकि, यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि कृषि क्षेत्र के महत्व को देखने के बावजूद भी हमारी सरकारों ने इसके बेहतर विकास और मॉडर्न युवाओं को इससे जोड़ने की दिशा में बहुत सकारात्मक कदम नहीं उठाए। वहीं, किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबरों ने भी इस क्षेत्र को लेकर एक नकारात्मक वातावरण का संचार किया। परंतु बहुत अच्छी बात यह है कि केंद्र में इस साल मई में पदासीन नरेंद्र मोदी ने कृषि के महत्व और देश के विकास में इसके योगदान और युवाओं को इससे जोड़ने के लिए अपने बजट में आवश्यक पहल की। इसके नतीजे आने में अभी वक्त लगेगा, मगर कृषि क्षेत्र और उससे जुड़े कारोबार में उच्च शिक्षित युवाओं का झुकाव एक नया आयाम पैदा कर रहा है। ऐसा करके ये युवा न केवल अपने लिए रोजगार सृजित कर रहे हैं बल्कि सैकड़ों गांव वाले भी उनके इस कदम से रोजगार से जुड़ रहे हैं।
कृषि उत्पादों का बिजनेसः बल्ले बल्ले
उल्लेखनीय है कि भारत का कृषि क्षेत्र आज सिर्फ फसल उगाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें रोजगार के नए आयाम भी सृजित हो रहे हैं। फसलों की कटाई से लेकर प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, भंडारण और वितरण में काम करने के कई सारे अवसर पैदा हुए हैं। केवल इतना ही नहीं आज के समय में पारंपरिक कृषि के साथ-साथ फ्रेश क्रॉप्स उगाने और उसे सीधे बाजार में बेचने का धंधा भी जोरों पर है। इसके अंतर्गत फूलों और फलों की आधुनिक तकनीक पर आधारित खेती की जाती है, जिससे कम जगह में अधिक से अधिक पैदावार ली जा सके। इसके साथ-साथ परंपरागत बीजों की जगह उन्नत किस्म की बीजों का प्रयोग किया जा रहा है, चूंकि इस बिजनेस से पढ़े लिखे युवा जुड़ रहे हैं। इसलिए वे स्मार्टफोन और इंटरनेट आदि के माध्यम से कम लागत और जगह में अधिक फसल लेने के लिए अपने खेतों में बैठे बैठे तमाम जानकारियां जुटा सकते हैं। इसका नतीजा यह हो रहा है कि बंपर फसलें पैदा हो रही हैं और किसान को भरपूर मुनाफा मिल रहा है।
खेती और खेती से जुड़े उत्पादों के साथ—साथ किसान प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से भी जुड़ रहे हैं। इस सीधे जुड़ाव से बिचौलिए खत्म हो रहे हैं। जिसका सीधा लाभ उसे मिल रहा है। आज कृषि क्षेत्र से जुड़े ऐसे युवाओं की कोई कमी नहीं है। जिन्होंने अपने कौशल और जोश के बल पर क्षेत्र की तकदीर बदल दी है। पिछले दिनों मैंने बिहार के कौशलेंद्र कुमार की कहानी पढ़ी जिन्होंने आइआइएम से एमबीए करने के बाद कृषि क्षेत्र से जुड़ने का फैसला किया। दरअसल, बिहार के नालंदा और नवादा से शिक्षा प्राप्त करने के बाद कौशलेंद्र ने 2003 में गुजरात के जूनागढ़ से एग्रो इंजीनियरिंग में बीटेक किया। कुछ समय नौकरी की मगर उसमें मन नहीं लगा। दिल में जज्बा था कि कुछ ऐसा करें, जो न केवल उनका भावी करियर बनाए बल्कि वे अपने समाज, राज्य और देश के लिए कुछ कर सकें। ऐसे में उन्होंने एग्रीकल्चर बिजनेस शुरू करने का फैसला किया। शुरू में उनके सहपाठियों ने उनका मजाक उड़ाया मगर उनके शिक्षक ने उनकी भरपूर हौसलाआफजाई की। इसका नतीजा यह हुआ कि एक अॅवार्ड से मिले कुछेक हजार रQपयों से उन्होंने अपनी मां के नाम पर कौशल्या फाउंडेशन बनाया। यूनाइटेड नेशंस की संस्था एफ.डब्ल्यू.डब्ल्यू.बी. ने पांच लाख रQपए का लोन दिया। कुछ मदद उनको बिहार सरकार से भी मिली। आज कौशलेंद्र को सब्जियों का बेस्ट मैनेजर कहा जाता है। उनके मिशन में तीन हजार से अधिक किसान और छह सौ से ज्यादा सब्जी विव्रेQता जुड़े हुए हैं। पटना में 50 से ज्यादा ठेलों पर रोज तकरीबन 70 हजार रQपए से अधिक की सब्जियां बिक रही हैं। केवल कौशलेंद्र ही नहीं आज ऐसे उत्साही युवाओं की कोई कमी नहीं है, जिन्होंने अपने जोश और जज्बे से इस क्षेत्र में सफलता की नई कहानी लिख दी है। बिहार में वैशाली जिले के ही मनीष और शशांक ने जिले के किसानों को गेहूं की ट्रेडिशनल खेती छोड़कर राजमा की खेती करने के लिए प्रेरित किया। आज वे आर्गेनिक खेती की अलख जगा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक भारत में ऑर्गेनिक खेती की सालाना विकास दर लगभग 20 से 25 प्रतिशत है।
क्या होती है ऑर्गेनिक खेती?
ऑर्गेनिक खेती एक प्रकार की ऐसी खेती है। जिसमें खाद पेस्टिसाइट्स जैसी सिंथेटिक चीजों की बजाय ऑर्गेनिक पदार्थ, जैसे गाय या भैस का गोबर, वर्मी कंपोस्ट, बायोफर्टिलाइजर्स, क्रॉप रोटेशन तकनीक प्रयोग में लाई जाती है। कम जीमन और कम लागत में इस तरीके से परंपरागत खेती की तुलना में कहीं ज्यादा उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। फसल में जरूरी पोषक तत्व संरक्षित रहते हैं और नुकसानदेह रसायनों से सुरक्षा होती है। यही नहीं इससे पानी बचाने में भी बहुत मदद मिलती है। और तो और इस तरह की खेती से कृषि भूमि की उर्वरा क्षमता भी लंबे समय तक बनी रहती है, जिससे पर्यावरण संतुलित रहता है।
यदि किसी को ऑर्गेनिक खेती शुरू करनी हे, तो सबसे पहले इसका प्रोजेक्ट या ब्लू प्रिंट तैयार करना होगा। यह तय करना होगा कि कितनी जमीन पर वह खेती करेंगे। जमीन कहां पर उपलब्ध है। किस फसल के लिए वह उपयोगी है। आप कितना पैसा उस पर खेती के लिए लगा सकते हैं। इस तरह की जानकारी भरा प्रोजेक्ट आपको किसी चार्टर्ड एकाउंटेट यानी सीए से बनवाना होता है। इसके बाद आपको निर्धारित फॉर्म भरकर अपने राज्य के डिपार्टमेंट ऑफ ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन में निर्धारित फीस के साथ जमा करवाना होगा। इसमें आपको दिल्ली स्थित पूसा इंस्टीट्यूट से भी मदद मिल सकती है।
सरकार से मिलती है सब्सिडी
रजिस्ट्रेशन के बाद एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट आपके जीमन की जांच करेंगे और यह तय करेंगे कि इसकी मिट्टी किस फसल की खेती के लिए अच्छी है। इसके बाद आपका प्रोजेक्ट एग्रीकल्चरल डिपार्टमेंट में पास होने के लिए भेजा जाएगा। ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए तकरीबन हर राज्य में सरकार 80 से 90 फीसदी तक सब्सिडी देती है। मतलब आपको पूरे प्रोजेक्ट में 10 से 20 फीसदी ही निवेश करना होगा। एक बार प्रोजेक्ट के पास हो जाने के बाद ऑर्गेनिक फॉर्मिंग टेक्निक वाली कंपनियां सेटअप लगाने के लिए आपसे खुद संपर्क करती हैं। सरकार से मिले पैसो से ये कंपनियां आपकी जमीन पर ग्रीन हाउस इफेक्ट और ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए सेटअप लगाती हैं। वे आपको ट्रेनिंग भी देती हैं।
सरकार की ओर से नेशनल ऑर्गेनिक फॉर्मिंग प्रोजेक्ट भी चलाया जा रहा है। इसके लिए आप राजधानी दिल्ली में स्थित पूसा इंस्टीट्यूट से अधिक जानकारी जुटा सकते हैं।
और अधिक जानकारी के लिए इन वेबसाइटों पर संपर्क किया जा सकता हैः
www.neof.dacnet.nic.in
www.icar.org.in
This is the right blog for everyone who really wants to find out about this topic.
You know so much its almost hard to argue with you (not that I actually would want toHaHa).
You certainly put a new spin on a subject that’s been discussed
for years. Excellent stuff, just great!
I love your site.. very nice colors & theme. Did you make this web site
yourself or have you employ someone to do it for yourself?
Plz reply as I’m trying to create my own blog and
want to discover where u got this from. kudos
It’s appropriate time for you to develop plans in the future
and it’s time to be happy. I’ve look at this post and in case I really could I desire to suggest you few
interesting things or advice. Maybe you could write next articles discussing this short
article. I want to read even more reasons for it!
You can certainly see your expertise from the article you write.
The sector hopes for more passionate writers as if
you who aren’t afraid to express how they believe. Always go after your heart.
whoah this weblog is wonderful i love reading your articles.
Stay up the good work! You recognize, lots of individuals are searching round for this information, you can aid them
greatly.
It’s a shame you don’t possess a donate button! I’d definitely donate
to the brilliant blog! I suppose for the
time being i’ll be happy with bookmarking and adding your Feed to my Google account.
I look ahead to fresh updates and will share this blog with my Facebook group.
Talk soon!
Asking questions are really pleasant thing if you are not understanding anything totally,
except this paragraph gives fastidious understanding even.
Do you have any video of that? I’d like to find
out some additional information.
If you want to improve your knowledge only keep visiting
this website and also be updated using the newest news posted here.
Hi! This is my first trip to your blog site! We are a group of volunteers and starting a brand new initiative in the community inside the same niche.
Your blog site provided us valuable information to work
on. You have done a wonderful job!
This is a topic that’s near to my heart… Be cautious!
Precisely where are the contact info though?
I couldn’t resist commenting. Well written!
My brother suggested I may like this blog. He was once entirely right.
This submit truly made my day. You cann’t believe just how a lot time I had spent
for this info! Thank you!
Can I just say what a comfort to uncover someone that genuinely knows what they are discussing over the internet.
You actually know how to bring an issue to light and make it important.
More people ought to check this out and understand this side of your story.
I was surprised that you’re not more popular since you definitely have the gift.
Thanks for sharing your thoughts. I really appreciate your efforts and I will be waiting for your further write ups thank you once again.
Hi! I’ve been reading your web site for a while now and lastly got
the courage to go ahead and give you a shout out from Atascocita Texas!
Just planned to say maintain the fantastic work!
There may be certainly a great deal to understand this
subject. I really like each of the points you made.
There’s definately quite a lot to check out this subject.
I enjoy all the points you made.
If you want to get a good price from this post then you will need
to apply such techniques to your won website.
In the event you desire to obtain much out of this post then you will need to apply such methods to your won internet site.
Since the admin of this site is working, no question very soon it will be renowned, due
to its feature contents.
Pingback: Google
Pingback: Google
dating free online sites best date online