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खाड़ी देशों में भारतीयों के लिए घट गईं नौकरियां

आर्थिक मंदी के कारण यूएई में जॉब में गिरावट

गल्फ कंट्रीज यानी खाड़ी देशों में नौकरी कर अपने सुखद जीवन का सपना देख रहे युवाओं के लिए एक झटका है। बहरीन,कुवैत,ओमान,कतर,सऊदी अरब और यूएई में नौकरी के ग्राफ में भारी गिरावट आई है। केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि खाड़ी देशों में आने वाले भारतीय श्रमिकों की संख्या में कमी आई है। सरकार का मानना है कि यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों के गिरावट के कारण इन देशों में आर्थिक मंदी के कारण नौकरियों में गिरावट का संकेत हैं।

सऊदी अरब और कतर में नौकरी अब आसान नहीं

भारत सरकार के एक आंकड़े के अनुसार खाड़ी के प्रमुख छह देशों- बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में हर साल आने वाले भारतीय श्रमिकों की संख्या 2014 के बाद से लगातार घट रही है। 2014 में बहरीन में 14207, कुवैत में 80419, ओमान में 51317, कतर में 75983, सऊदी अरब में 3 लाख 29 हजार 882 और यूएई में 2 लाख 24 हजार 037 भारतीय नौकरी करने गए। इस तरह यह संख्या 7 लाख 75 हजार 845 थी। जो 2015 में घटकर 7 लाख 58 हजार 684 रह गयी। जबकि 2016 में इस संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गयी। 2016 में बहरीन में 11984, कुवैत में 72402, ओमान में 63224, कतर में 30619, सऊदी अरब में 1 लाख 65हजार 336 और यूएई में 1लाख 63 हजार 731 ही रह गयी। इस तरह कुल 5 लाख 7296 लोग ही खाड़ी देशों में नौकरी करने के लिए गए।

यूपी और केरल के सबसे ज्यादा लोग खाड़ी देशों में

भारतीयों की इन छ: देशों में बहुत बड़ी आबादी है। इन प्रवासियों भारतीयों का भारत में विदेशी मुद्रा भेजने भी बड़ा योगदान रहा है। लेकिन अब विदेशी मुद्रा में भी गिरावट आई है। संयुक्त अरब अमीरात की कुल आबादी में भारतीय प्रवासियों की आबादी करीब 38 फीसदी थी। जो अब तेजी से घट रही है। केरल और उत्तर प्रदेश के बहुत से लोग खाड़ी के देशों में नौकरी करने जाते रहे हैं। 2016 में कतर में राजनीनीतिक संकट के बाद भारतीयों की आवाजाही में बड़ी तेजी से घटी है। अब तो यहां कड़े कानूनों की वजह से भारतीय प्रवासियों ने अपने परिवारों को घर भेजने के लिए मजबूर कर दिया है।

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