लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम की स्थापना 18 दिसंबर, 1935 को हुई थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य “आदर्श” आर्य जाति के निर्माण के लिए स्वस्थ और उपजाऊ जर्मन परिवारों को प्रोत्साहित करना था।
कार्यक्रम की स्थापना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति थे रीच रक्षा मंत्रालय के प्रमुख, वाल्टर वॉन ब्रूच। ब्रूच ने कार्यक्रम का प्रस्ताव हिटलर को प्रस्तुत किया, और हिटलर ने इसे तुरंत मंजूरी दे दी।
लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम के लाभ
लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम के तहत, नाजी सरकार ने कई तरह के लाभ प्रदान किए, जिनमें शामिल हैं:
- विवाह उपहार:
नाजी सरकार ने उन जोड़ों को विवाह उपहार प्रदान किए जो स्वस्थ और उपजाऊ थे। - बच्चे पैदा करने पर नकद भुगतान:
नाजी सरकार ने उन परिवारों को नकद भुगतान प्रदान किए जिनमें तीन या अधिक बच्चे थे। - आवास और स्वास्थ्य देखभाल में सहायता:
नाजी सरकार ने उन परिवारों को आवास और स्वास्थ्य देखभाल में सहायता प्रदान की जो तीन या अधिक बच्चे पैदा करने की योजना बना रहे थे। - विशेष स्कूल और विश्वविद्यालयों में प्रवेश:
नाजी सरकार ने उन बच्चों को विशेष स्कूल और विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रदान किया जो लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम के तहत पैदा हुए थे।
लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम के परिणाम
लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम के तहत, लगभग 8,500 जर्मन परिवारों को लाभ प्रदान किया गया। इन परिवारों ने लगभग 20,000 बच्चों को जन्म दिया।
लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम की सफलता का आकलन करना कठिन है। कार्यक्रम के समर्थकों का तर्क है कि इसने जर्मन आबादी में आर्य जीन पूल को बढ़ाने में मदद की। हालांकि, आलोचकों का तर्क है कि कार्यक्रम एक असफल सामाजिक प्रयोग था जो जर्मन समाज को विभाजित करने में मदद करता था।
लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम के कुछ प्रमुख परिणामों में शामिल हैं:
- यह कार्यक्रम जर्मन आबादी में आर्य जीन पूल को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
- कार्यक्रम ने जर्मन समाज को विभाजित करने में मदद की।
- कार्यक्रम ने नाजी विचारधारा को बढ़ावा देने में मदद की।
लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम के विवाद
लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम एक विवादास्पद कार्यक्रम था। कार्यक्रम के आलोचकों ने तर्क दिया कि यह कार्यक्रम नस्लवाद और भेदभाव पर आधारित था। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि कार्यक्रम ने जर्मन समाज को विभाजित करने में मदद की।
लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम को नाजी विचारधारा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। कार्यक्रम ने नाजी पार्टी की नस्लवादी विचारधारा को बढ़ावा देने में मदद की।
लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम का अंत
द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के साथ, लेबेन्सबोर्न कार्यक्रम समाप्त हो गया। हालांकि, कार्यक्रम के परिणाम जर्मन समाज पर लंबे समय तक प्रभाव डालते रहे।