दिल्ली में ऑड-ईवन स्कीम के सकारात्मक प्रभाव पर डीटीयू ने लगाई मुहर

By: Munmun Prasad Srivastava

दिल्ली की हवा में प्रदूषण को कम करने के लिए लागू की गई ऑड-ईवन स्कीम को लेकर सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) के एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि जनवरी 2016 में दिल्ली सरकार द्वारा लागू की गई इस स्कीम से वायु प्रदूषक पीएम2.5 और पीएम2.5 की सांद्रता में कमी आई थी। केवल 15 दिन के ट्रायल में ही परिवेशी वायु में पीएम2.5 में औसतन 5.73% और पीएम2.5 में औसतन 4.70% की कमी दर्ज की गई थी। हालांकि यह अध्ययन दिल्ली महानगर के 3 प्रमुख यातायात गलियारों पर किया गया है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि दिल्ली की शहरी वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली सरकार ने भारत में पहली बार परीक्षण के आधार पर जो ऑड-ईवन स्कीम शुरू की थी उसके पहले चरण (जो 1 से 15 जनवरी 2016 तक 15 दिनों तक चला था) पर डीटीयू के पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर, डॉ. राजीव कुमार मिश्रा और उनकी शोध टीम ने हाल ही ने ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च पार्ट डी के तहत ” पीएम2.5 और पीएम1.0 उत्सर्जन पर ऑड-ईवन ड्राइविंग स्कीम का प्रभाव” शीर्षक से एक पेपर प्रकाशित किया है। इस शोध में उक्त स्कीम के काफी साकारात्मक प्रभाव सामने आए हैं।

दिल्ली के तीन मुख्य यातायात गलियारों पर हुआ अध्ययन

कुलपति ने बताया कि डॉ. मिश्रा और उनकी शोध टीम द्वारा दिल्ली के पीतमपुरा (मधुबन चौक), पंचकुइयां रोड और नजफगढ़ रोड के तीन प्रमुख यातायात गलियारों में ऑड-ईवन स्कीम पर एक अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन में पीएम2.5 और पीएम1.0 के रियल-टाइम पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) डेटा को शहर में ऑड-ईवन ड्राइविंग स्कीम के कार्यान्वयन के पहले चरण के दौरान इन तीनों यातायात गलियारों से एकत्र किया गया था। ऑड-ईवन ड्राइविंग स्कीम से पहले और उसके दौरान पीएम2.5 और पीएम1.0 की सांद्रता के तुलनात्मक विश्लेषण से पता चला है कि इन तीनों सड़क गलियारों में ड्राइविंग स्कीम के दिनों में पीएम2.5 और पीएम1.0 की सांद्रता में कमी आई थी।

DCIM100MEDIADJI_0023.JPG

सड़क किनारे वाहनों के उत्सर्जन से होती है पीएम में वृद्धि

प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि अध्ययन के दौरान, यह पाया गया कि ऑड-ईवन ड्राइविंग स्कीम के कार्यान्वयन के दौरान पीएम1.0 के मुक़ाबले पीएम2.5 की सांद्रता में अधिक कमी आई। पीएम1.0:पीएम2.5 का अनुपात तीनों यातायात गलियारों में वाहनों के उत्सर्जन की महत्वपूर्ण उपस्थिति को दर्शाता है, जो मानव स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। अध्ययन में स्कीम के कार्यान्वयन के दिनों के दौरान सभी गलियारों में परिवेशी वायु में पीएम2.5 में औसतन 5.73% और पीएम2.5 में औसतन 4.70% की कमी दर्ज की गई, जो दिल्ली महानगर में शहरी वायु प्रदूषण के उन्मूलन के लिए उपाय के रूप में अपनाए गए छोटे लेकिन सकारात्मक प्रभाव को दर्शाती है। सड़क किनारे के स्थानों पर वाहनों के उत्सर्जन के कारण पीएम1.0 में वृद्धि होती है, इसलिए, यह स्पष्ट है कि 1 से 15 जनवरी, 2016 की अवधि के दौरान दिल्ली शहर में ऑड-ईवन ड्राइविंग नियम के कार्यान्वयन से वाहनों द्वारा इसके उत्सर्जन में कमी आई।

इन सड़क गलियारों के परिवेश और आसपास के क्षेत्रों में परिवेशी वायु में पीएम2.5 की सांद्रता में कमी मानव श्वसन क्रिया पर सकारात्मक प्रभाव होने के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि, उचित और अधिक प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के लिए इस तरह की स्कीम का सख्त, समय पर और उचित कार्यान्वयन भविष्य में दिल्ली शहर में सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

दिल्ली में दौड़ते हैं 64% दुपहिया वाहन

शोध टीम के आंकड़े बताते हैं कि 2017 में दिल्ली में वाहनों की संख्या 10 मिलियन से अधिक हो गई है, इस गिनती में दोपहिया वाहनों की सर्वाधिक 64% की हिस्सेदारी है व कारों और जीपों सहित लगभग 30% यात्री वाहन हैं। पिछले कई वर्षों से शहर में वाहन संख्या में बहुत अधिक वृद्धि के कारण वर्ष 2013-14 में वाहन प्रदूषण में ऑटोमोबाइल क्षेत्र का योगदान 36% तक बढ़ गया है।

क्या है पीएम2.5 और पीएम2.5

पीएम का अर्थ है पर्टिकुलेट मैटर, जो कि वातावरण में मौजूद ठोस और तरल कणों का मिश्रण है। हवा में इन कणों को नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता। इन कणों को केवल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का उपयोग करके ही देखा जा सकता है। इसमें धूल व धातु आदि के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं। पीएम2.5 वह वायुमंडलीय पदार्थ हैं जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है और पीएम1.0 वो कण हैं जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर होता है।

6 thoughts on “दिल्ली में ऑड-ईवन स्कीम के सकारात्मक प्रभाव पर डीटीयू ने लगाई मुहर

  • January 26, 2023 at 12:05 am
    Permalink

    Both mRNA and protein levels of TIF2 and SRC 1 were induced during the differentiation of 3T3 L1 preadipocytes into adipocytes Figure 2E clomiphene 150mg for sale vytorin duphaston opinie o leku Black and Hispanic Americans are more positive than whites about extending life, although the survey could not explain why

  • March 2, 2023 at 11:32 pm
    Permalink

    In the FACTT, the cumulative fluid balance on day three corresponding to the primary endpoint in the current analysis was about 150 mL in the conservative arm and about 5000 mL in the liberal arm, both more positive than in our study 23 buy azithromycin doxycycline online But the following study reported no difference high fat diets to lose weight in weight loss between the low fat and low carb groups, and there was lamictal dosage for weight loss also no difference in weight loss when taking insulin resistance status into account

  • April 27, 2023 at 8:19 am
    Permalink

    However, in 2020, after even more women experienced liver damage, the EMA withdrew its approval for ulipristal to be used prior to surgery cialis generic name

  • April 28, 2023 at 12:34 pm
    Permalink

    She has over a decade of experience as a professional journalist covering mental health, chronic conditions, medicine, and science if you overdose on viagra To assess apoE protein levels, cortex tissue samples were sequentially extracted in PBS and guanidine buffers to measure soluble and insoluble apoE, respectively

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published.