भूल न जाना बुक फेयर से “स्पीकिंग पेन” लेकर आना
-मुनमुन प्रसाद श्रीवास्तव
दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेल का रविवार को अंतिम दिन है। यदि आप वहां जा रहे हैं तो अपने नन्हे मुन्ने के लिए “स्पीको पेन” खरीदना न भूलें। हॉल नंबर 11 के स्टाल नंबर 252 पर बिक रहे बातें करने वाले इस पेन की कीमत थोड़ी ज़्यादा ज़रूर है लेकिन यह न केवल आपके बच्चे का केजी तक का सिलेबस पूरा करवा सकता है बल्कि छोटे बच्चों के मोबाइल फ़ोन से खेलने की गन्दी आदत भी छुडा सकता है।
प्रगति मैदान में किस्म किस्म की किताबों के साथ-साथ हॉल नंबर 11 में prismart के स्टाल नंबर 252 पर “स्पीकिंग पेन” लोगों को आकर्षित कर रहा है। कार्टून स्टाइल के इस जादुई पेन की खासियत यह है कि यह अक्षरों और शब्दों का सही उच्चारण कर सकता है। कहानियां और कवितायेँ पढ़ सकता है। चित्र समझा सकता है। बच्चे के साथ गाना गा सकता है।
स्टाल पर मौजूद अंकुर खेमका ने बताया कि prismart ने यह स्पीको पेन बनाया है। इसकी टिप पर एक स्कैनर और बॉडी में सुपर फाइन ऑडियो लगा है। इसे खासतौर पर “बचपन स्कूल”की विभिन्न आयु वर्ग की बुक्स के लिए डिजाईन किया गया है। किताब के पन्ने के किसी भी हिस्से पर रखते ही यह उसे समझकर बोलना शुरू कर देता है। इससे बच्चे आसानी उस चैप्टर को समझने और सीखने लगते हैं। हमारा अनुभव है कि जो बच्चे एक बार यह पेन। पकड़ लेते हैं वे फिर मम्मी पापा के स्मार्ट फ़ोन को हाथ भी नहीं लगाते।
आयोजकों के मुताबिक़ देशभर में 25 हज़ार से ज़्यादा बच्चे इस पेन के ज़रिये पढना सीख रहे हैं। पेन की प्रमोशनल कीमत 2 हज़ार रुपए रखी गयी है। बाज़ार में मौजूद इसी तरह के पेन की तुलना में इसकी कीमत बहुत कम है।इसके साथ किताबों का एक सेट भी फ्री दिया जा रहा है। इसके अलावा बुक्स पर पचास प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है।
यहाँ बता दें कि इस पेन पर तीन महीने की रिप्लेसमेंट गारंटी और एक साल की वारंटी दी जा रही है। इस पोर्टेबल पेन को कहीं पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हाथ से गिर कर टूटने का डर नहीं है। इसका मेंटेनेंस खर्च भी न के बराबर है। तो, देर ना करें। कहीं यह सुनहरा। मौक़ा हाथ से न निकल जाये।