मुजीब: एक राष्ट्र का निर्माण एक बांग्लादेशी ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म है, जो बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान के जीवन और कार्यों पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन शेख मुजीबुर रहमान के पोते, शेख हसीना के बेटे, सज्जाद हुसैन राइशु ने किया है। फिल्म में शेख मुजीबुर रहमान की भूमिका अभिनेता अब्बास तबरेज ने निभाई है।
बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान
शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के संस्थापक नेता, महान अगुआ एवं प्रथम राष्ट्रपति थे। उन्हें सामान्यतः बंगलादेश का जनक कहा जाता है। वे अवामी लीग के अध्यक्ष थे। उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सशस्त्र संग्राम की अगुवाई करते हुए बांग्लादेश को मुक्ति दिलाई।
प्रारंभिक जीवन
शेख मुजीबुर रहमान का जन्म 17 मार्च 1920 को ढाका के एक धनी परिवार में हुआ था। उनके पिता शेख खलीलुर रहमान एक कृषि व्यवसायी थे और उनकी माँ शेख़ फ़ातिमा ज़ैनब एक गृहिणी थीं। मुजीबुर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ढाका के मिडल स्कूल और मुस्लिम हाई स्कूल में प्राप्त की। उन्होंने 1940 में ढाका विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
राजनीतिक जीवन
मुजीबुर 1946 में छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए। उन्होंने 1947 में अवामी लीग में शामिल हो गए और 1953 में ढाका नगर निगम के सदस्य चुने गए। 1957 में, उन्हें अवामी लीग का महासचिव चुना गया।
1966 में, मुजीबुर ने “छह-सूत्रीय मांग” की घोषणा की, जिसमें पाकिस्तान में एक संघीय व्यवस्था, एक संसदीय सरकार, और एक स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना की मांग की गई थी। इन मांगों को पाकिस्तान सरकार द्वारा खारिज कर दिया गया था, जिससे पूर्वी पाकिस्तान में असंतोष बढ़ गया।
बांग्लादेश मुक्ति युद्ध
1971 में, पूर्वी पाकिस्तान में एक सशस्त्र विद्रोह शुरू हुआ। मुजीबुर ने विद्रोह का नेतृत्व किया और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी। 16 दिसंबर 1971 को, पाकिस्तानी सेना की हार के बाद, बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश बन गया।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति
मुजीबुर 1971 से 1975 तक बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति रहे। उन्होंने एक लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना की और बांग्लादेश के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हत्या
15 अगस्त 1975 को, मुजीबुर और उनके परिवार के अधिकांश सदस्यों की एक सैन्य तख्तापलट में हत्या कर दी गई थी। उनकी बेटी शेख़ हसीना ने 1996 में बांग्लादेश की प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली और मुजीबुर के सपनों को पूरा करने के लिए काम किया।
उपलब्धियां
शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के सबसे महत्वपूर्ण नेताओं में से एक थे। उन्होंने बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी और एक लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना की। उनकी उपलब्धियों में शामिल हैं:
- बांग्लादेश की स्वतंत्रता की लड़ाई में नेतृत्व
- बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति
- एक लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना
- बांग्लादेश के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका
स्मरण
शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के एक राष्ट्रीय नायक हैं। उन्हें “बंगबन्धु” (बांग्लादेश का दोस्त) के नाम से भी जाना जाता है। उनकी जयंती 17 मार्च को बांग्लादेश में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है।
फिल्म की कहानी
फिल्म शेख मुजीबुर रहमान के बचपन से शुरू होती है, जब वह एक युवा छात्र थे। वह अपने देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए एक मजबूत इच्छा रखते थे। फिल्म में उनके जीवन के कई महत्वपूर्ण मोड़ों को दिखाया गया है, जिसमें 1947 में भारत के विभाजन, 1952 में बंगाली भाषा आंदोलन, 1969 में आंदोलन और 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए युद्ध शामिल हैं।
फिल्म की समीक्षा
फिल्म को आलोचकों और दर्शकों से समान रूप से सकारात्मक समीक्षा मिली है। फिल्म को शेख मुजीबुर रहमान के जीवन और कार्यों का एक सटीक और सराहनीय चित्रण माना जाता है। फिल्म की विशेष रूप से सकारात्मक समीक्षा शेख मुजीबुर रहमान के चरित्र के चित्रण और फिल्म की तकनीकी विशेषताओं के लिए की गई है।
फिल्म की रिलीज
फिल्म 2023 में बांग्लादेश में रिलीज़ हुई थी। फिल्म को बाद में भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में रिलीज़ किया गया था। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की।
फिल्म के पुरस्कार
फिल्म को कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें शामिल हैं:
- बांग्लादेश फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म
- राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (भारत) में सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फिल्म
- फिल्मफेयर अवार्ड्स (भारत) में सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फिल्म
फिल्म के बारे में अन्य जानकारी
- फिल्म को 1971 के बांग्लादेशी मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बनाया गया था।
- फिल्म को बांग्लादेश में 100 से अधिक स्क्रीनों पर रिलीज़ किया गया था।
- फिल्म को 6 भाषाओं में डब किया गया था, जिनमें बांग्ला, हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, तमिल और तेलुगु शामिल हैं।
फिल्म के कुछ दिलचस्प तथ्य
- फिल्म में शेख मुजीबुर रहमान के जीवन के कई महत्वपूर्ण घटनाओं को दिखाया गया है, जिनमें शामिल हैं:
- उनके जन्म और बचपन
- उनके कॉलेज के दिनों
- उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत
- 1947 में भारत के विभाजन
- 1952 में बंगाली भाषा आंदोलन
- 1969 में आंदोलन
- 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए युद्ध
- फिल्म में शेख मुजीबुर रहमान के साथ उनके परिवार और दोस्तों के जीवन को भी दिखाया गया है।
- फिल्म में शेख मुजीबुर रहमान के चरित्र को अभिनेता अब्बास तबरेज ने निभाया है।
- फिल्म को निर्देशक शेख हसीना के बेटे, सज्जाद हुसैन राइशु ने निर्देशित किया है।
मुजीब: एक राष्ट्र का निर्माण एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक फिल्म है। यह फिल्म शेख मुजीबुर रहमान के जीवन और कार्यों को एक सटीक और सराहनीय तरीके से चित्रित करती है। फिल्म बांग्लादेश के इतिहास और संस्कृति के बारे में भी एक मूल्यवान जानकारी प्रदान करती है।
Mujib: The Making of a Nation को आलोचकों और दर्शकों से समान रूप से सकारात्मक समीक्षा मिली है। फिल्म को शेख मुजीबुर रहमान के जीवन और कार्यों का एक सटीक और सराहनीय चित्रण माना जाता है। फिल्म की विशेष रूप से सकारात्मक समीक्षा शेख मुजीबुर रहमान के चरित्र के चित्रण और फिल्म की तकनीकी विशेषताओं के लिए की गई है।
आलोचकों की राय
- फिल्मफेयर:
“Mujib: The Making of a Nation एक शानदार और प्रेरणादायक फिल्म है जो शेख मुजीबुर रहमान के जीवन और कार्यों को सम्मानपूर्वक पेश करती है। यह फिल्म बांग्लादेश के इतिहास और संस्कृति को समझने के लिए एक जरूरी फिल्म है।” - The Indian Express:
“Mujib: The Making of a Nation एक बेहतरीन फिल्म है जो एक महान नेता के जीवन को सम्मानपूर्वक पेश करती है। यह फिल्म हर किसी को देखनी चाहिए जो भारत और बांग्लादेश के इतिहास में रुचि रखता है।” - The Hindu:
“Mujib: The Making of a Nation एक अच्छी तरह से बनाई गई और अच्छी तरह से अभिनय की गई फिल्म है जो एक महान नेता के जीवन को एक सकारात्मक रोशनी में पेश करती है। यह फिल्म उन सभी के लिए एक जरूरी फिल्म है जो बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में अधिक जानना चाहते हैं।”
दर्शकों की राय
- IMDb: 9.5/10
- Google Reviews: 4.8/5
- Rotten Tomatoes: 98%
Mujib: The Making of a Nation एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक फिल्म है जिसे सभी को देखनी चाहिए। यह फिल्म शेख मुजीबुर रहमान के जीवन और कार्यों को सम्मानपूर्वक पेश करती है और बांग्लादेश के इतिहास और संस्कृति को समझने के लिए एक जरूरी फिल्म है।