लैटिन नाम: Saraca asoca (Roxb.) De Wilde, Saraca indica auct। गैर लिन।
संस्कृत/भारतीय नाम: अशोक, गंधपुष्प, अशोक
जानिए अशोक (Ashoka) जड़ी बूटी के बारे में सामान्य जानकारी:
अशोक का पेड़ भारत में सबसे पवित्र और पौराणिक पेड़ों में से एक है। कई आयुर्वेदिक शास्त्रों ने इसके औषधीय महत्व को अंकित किया है। भारत का आयुर्वेदिक फार्माकोपिया भारी और लंबे समय तक मासिक धर्म, लिम्फ नोड्स के संक्रमण और सूजन के मामलों में छाल की सिफारिश करता है।
चिकित्सीय घटक:
पेड़ की छाल के पाउडर में सिलिका, सोडियम, पोटेशियम फॉस्फेट, मैग्नीशियम, लोहा, कैल्शियम, स्ट्रोंटियम और एल्यूमीनियम होते हैं। बीजों में ओलिक, लिनोलिक, पामिटिक और स्टीयरिक एसिड होते हैं, जो इसे एक उत्कृष्ट गर्भाशय टॉनिक बनाते हैं।
मुख्य चिकित्सीय लाभ:
पेड़ की छाल गर्भाशय फाइब्रॉएड रक्तस्राव और ल्यूकोरिया को नियंत्रित करने में मदद करती है।
पेचिश के इलाज में अशोक के पेड़ का अर्क प्रभावी होता है।
अशोक का पेड़ रक्त शर्करा को कम करता है, जो बदले में मधुमेह के इलाज में मदद करता है।
प्रयुक्त ईवकेयर, मेनोसन है