अमित गंगवार डिजिटल क्रिएटर की कहानी:
मुझे हाउसबोट में रहना पसंद नहीं है मैं कई बार कश्मीर (Kashmir) गया हूं लेकिन कभी रुका नहीं।
इस बार पता नहीं क्या हुआ और हमने हाउस बोट में रहने का फैसला किया और उस रात ही कांड हो गया हमारे साथ बारिश हुई और हम देर से सोए थे इतनी गहरी नींद में, सुबह हाउसबोट धीरे पानी पे चली गई और हम सो रहे ऐसी ही सुबह मैं 5.30 बजे बजे थे और सिर्फ हमारा गद्दा बचा था पानी में जाने से बाकी सब पानी में था पूरा बेडरूम, फिर हमें कॉल आया कि जल्दी बाहर निकलो बोट में पानी भर गया बढ़ता जा रहा।
जैसे तैसे हमने पड़ोस के नाव वालो ने विंडोज़ से खींच के बाहर निकाला!
और अनहोने ही हमें कपडे दिये पहनने को।
अधिकतर हाउसबोट बहुत पुरानी हो चुकी है बस बहार से चमक धमाका है इनकी।
मुझे लगता था कि हमेशा की तरह 1% लोगो के साथ कांड होता हो और उन 1% लोगो में मैं ही आ गया।
इसे कहते हैं दुर्भाग्य का दुर्भाग्य 😂
कांड तिथि: 8 जुलाई
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अमित गंगवार डिजिटल क्रिएटर (ओवरलैंडिंग | एडवेंचर | रोड ट्रिप्स)
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