ह्वाइल वी वॉच्ड ‘While We Watched‘ एक 2022 में रिलीज़ हुई डॉक्यूमेंट्री है, जिसका निर्देशन विनय शुक्ला ने किया है। यह डॉक्यूमेंट्री भारत के जाने-माने पत्रकार रवीश कुमार के जीवन और काम पर आधारित है। रवीश कुमार NDTV के पूर्व कार्यकारी संपादक और वरिष्ठ एंकर थे। वह अपनी तीखी और बेबाक पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हमेशा सत्ता के खिलाफ आवाज़ उठाई है और हाशिए के लोगों की बात को सामने लाने की कोशिश की है।
ह्वाइल वी वॉच्ड ‘While We Watched‘ डॉक्यूमेंट्री में रवीश कुमार के व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के कई पहलुओं को दिखाया गया है। इसमें उनके बचपन से लेकर पत्रकारिता के क्षेत्र में उनकी यात्रा, और उनके शो “प्राइम टाइम” के माध्यम से समाज की समस्याओं को उठाने के उनके प्रयासों को शामिल किया गया है। डॉक्यूमेंट्री में यह भी दिखाया गया है कि कैसे रवीश कुमार को उनके काम के लिए निशाना बनाया गया और उन्हें जान से मारने की धमकियाँ दी गईं। लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी आवाज़ नहीं दबाई।
ह्वाइल वी वॉच्ड ‘While We Watched‘ डॉक्यूमेंट्री भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति पर भी एक चिंतन है।
रवीश कुमार की डॉक्यूमेंट्री मूवी “While We Watched” का संक्षिप्त विवरण
डॉक्यूमेंट्री की शुरुआत रवीश कुमार के बचपन से होती है। वह एक छोटे से गाँव से हैं, और उनके पिता एक किसान हैं। रवीश कुमार ने हमेशा अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानने की इच्छा रखी है। उन्होंने पत्रकारिता को एक करियर के रूप में चुना क्योंकि वे लोगों को सच्चाई बताना चाहते थे।
डॉक्यूमेंट्री में रवीश कुमार के पत्रकारिता के करियर के बारे में भी बताया गया है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक छोटे से समाचार पत्र से की थी। फिर, वह NDTV में शामिल हो गए, जहां उन्होंने कई लोकप्रिय कार्यक्रमों को होस्ट किया।
डॉक्यूमेंट्री में रवीश कुमार की तीखी और बेबाक पत्रकारिता के बारे में भी बताया गया है। उन्होंने हमेशा सत्ता के खिलाफ आवाज़ उठाई है और हाशिए के लोगों की बात को सामने लाने की कोशिश की है।
डॉक्यूमेंट्री में यह भी दिखाया गया है कि कैसे रवीश कुमार को उनके काम के लिए निशाना बनाया गया है। उन्हें जान से मारने की धमकियाँ दी गई हैं, और उनके परिवार को परेशान किया गया है। लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी आवाज़ नहीं दबाई।
डॉक्यूमेंट्री भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति पर भी एक चिंतन है।
डॉक्यूमेंट्री के अंत में रवीश कुमार कहते हैं, “मैंने पत्रकारिता को कभी नौकरी के रूप में नहीं देखा। यह मेरे लिए एक मिशन है। मैं सत्ता के खिलाफ लड़ता हूँ और हाशिए के लोगों के लिए आवाज़ उठाता हूँ। मुझे कोई डर नहीं है। मैं पत्रकारिता करता रहूँगा।”
यह डॉक्यूमेंट्री रवीश कुमार के जीवन और काम का एक सटीक और व्यापक चित्रण है। यह डॉक्यूमेंट्री हर उस व्यक्ति को देखनी चाहिए, जो भारत में पत्रकारिता की स्थिति और रवीश कुमार के योगदान को समझना चाहता है।
‘While We Watched’ (शीर्षक नमस्कार मैं रवीश कुमार) विनय शुक्ला द्वारा निर्देशित 2022 की एक भारतीय वृत्तचित्र फिल्म है, जो भारत में सामान्य मीडिया पूर्वाग्रह की पृष्ठभूमि में एनडीटीवी समाचार संपादक रवीश कुमार की दृढ़ पत्रकारिता स्वतंत्रता की रूपरेखा तैयार करती है। फिल्म का 2022 टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दुनिया भर में प्रीमियर हुआ, जहाँ उसने एम्पलीफाई वॉयस पुरस्कार जीता। 27वें बुसान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अपने एशियाई प्रीमियर पर, इसने सिनेफाइल पुरस्कार और डॉक्टरपॉइंट हेलसिंकी में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीती।
रवीश कुमार की डॉक्यूमेंट्री मूवी “While We Watched” के कुछ प्रमुख बिंदु:
- रवीश कुमार का जन्म और पालन-पोषण:
- रवीश कुमार का जन्म 5 दिसंबर 1974 को बिहार के एक छोटे से गाँव में हुआ था।
- उनके पिता एक किसान थे, और उनकी माँ एक गृहिणी थीं।
- रवीश कुमार ने हमेशा अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानने की इच्छा रखी थी।
- उन्होंने पत्रकारिता को एक करियर के रूप में चुना क्योंकि वे लोगों को सच्चाई बताना चाहते थे।
- रवीश कुमार का पत्रकारिता का करियर:
- रवीश कुमार ने अपने करियर की शुरुआत एक छोटे से समाचार पत्र से की थी।
- फिर, वह NDTV में शामिल हो गए, जहां उन्होंने कई लोकप्रिय कार्यक्रमों को होस्ट किया।
- रवीश कुमार की तीखी और बेबाक पत्रकारिता के लिए जाना जाता है।
- उन्होंने हमेशा सत्ता के खिलाफ आवाज़ उठाई है और हाशिए के लोगों की बात को सामने लाने की कोशिश की है।
- रवीश कुमार को निशाना बनाया जाना:
- रवीश कुमार को उनके काम के लिए निशाना बनाया गया है।
- उन्हें जान से मारने की धमकियाँ दी गई हैं, और उनके परिवार को परेशान किया गया है।
- लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी आवाज़ नहीं दबाई।
- भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति:
- डॉक्यूमेंट्री भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति पर भी एक चिंतन है।
- यह दिखाता है कि कैसे हाल के वर्षों में भारत में मीडिया पर सरकार और कॉरपोरेट जगत का दबाव बढ़ा है।
रवीश कुमार की डॉक्यूमेंट्री मूवी से जुडी अन्य जानकारियाँ (While We Watched – Ravish Kumar Documentary In Hindi)
निर्देशक: विनय शुक्ला
लेखन: रेशमा रामचन्द्रन, अमान शेख, विनय शुक्ला, अभिनव त्यागी द्वारा लिखित
ल्यूक डब्ल्यू मूडी, खुशबू रांका, विनय शुक्ला द्वारा निर्मित
अभिनीत :रवीश कुमार, सुशील बहुगुणा, दीपक चौबे, सुशील महापात्र, स्वरोलिपि सेनगुप्ता, सौरभ शुक्ला
छायांकन अमान शेख, विनय शुक्ला
संपादित: अभिनव त्यागी
संगीत: जोक्विन गार्सिया
उत्पादन कंपनियों: ब्रिटडॉक फिल्म्स / लोनो स्टूडियो
रवीश कुमार की डॉक्यूमेंट्री मूवी की रिलीज़ की तारीख: 11 सितंबर 2022
समय: 94 मिनट
देश: यूनाइटेड किंगडम
भाषाएँ: अंग्रेजी, हिंदी
रवीश कुमार की डॉक्यूमेंट्री मूवी से संबंधित लेख हिंदी में (While We Watched – Ravish Kumar Documentary In Hindi)
“टेलीविज़न समाचार का संकट और रवीश कुमार” newsclick.in
“रवीश कुमार पर बन गई डॉक्यूमेंट्री, बज रहीं तालियाँ… लेकिन इसमें पैसा लगा है भारत विरोधी जॉर्ज सोरोस और फोर्ड फाउंडेशन का” opindia.com
“‘ह्वाइल वी वॉच्ड’ लोकतांत्रिक मूल्यों के पक्ष में खड़े एक निहत्थे पत्रकार की वेदना है” thewirehindi.com
रवीश कुमार (भारतीय पत्रकार एवं लेखक) की पूरी जानकारी (Know about Ravish Kumar – Indian journalist and writer In Hindi)
रवीश कुमार एक भारतीय पत्रकार हैं, जो अपने तीखे और निडर रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। वे 2022 तक एनडीटीवी इंडिया (NDTV INDIA) के मुख्य संपादक और प्राइम टाइम समाचार कार्यक्रम “देस की बात” के होस्ट थे।
रवीश कुमार का जन्म 5 दिसंबर 1974 को बिहार के पूर्व चंपारन जिले के मोतीहारी में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिर भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया।
रवीश कुमार ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत 1994 में एनडीटीवी से की। उन्होंने चैनल के विभिन्न समाचार कार्यक्रमों में काम किया, जिसमें “हम लोग” और “रवीश की रिपोर्ट” शामिल हैं। 2012 में, उन्हें एनडीटीवी इंडिया के मुख्य संपादक के रूप में नियुक्त किया गया।
रवीश कुमार की पत्रकारिता अक्सर सरकार की आलोचना करने के लिए जानी जाती है। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों और कार्यों पर कई बार कड़ी आलोचना की है। उनकी पत्रकारिता के कारण उन्हें कई बार धमकी और हमले का भी सामना करना पड़ा है।
रवीश कुमार को उनके पत्रकारिता के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें शामिल हैं:
- गणेशशंकर विद्यार्थी पुरस्कार (2010)
- पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार (2013)
- रेमन मैगसेसे पुरस्कार (2019)
रवीश कुमार को भारत के सबसे प्रभावशाली पत्रकारों में से एक माना जाता है। उनकी पत्रकारिता ने भारतीय समाज में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस छेड़ने में मदद की है।
रवीश कुमार के कुछ प्रसिद्ध कार्यों में शामिल हैं:
- “हम लोग” (2004-2012) – एक समाचार कार्यक्रम जो सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करता था।
- “रवीश की रिपोर्ट” (2007-2012) – एक समाचार कार्यक्रम जो विशेष रिपोर्टों और खोजी पत्रकारिता पर केंद्रित था।
- “देस की बात” (2012-2022) – एक समाचार कार्यक्रम जो भारत के समकालीन मुद्दों पर चर्चा करता था।
रवीश कुमार के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य:
- उनके पसंदीदा लेखक हैं जॉर्ज ऑरवेल और रस्किन बॉन्ड।
- उन्हें क्रिकेट का शौक है।
- वह एक योग और ध्यान के अभ्यासी हैं।
रवीश कुमार एक ऐसे पत्रकार हैं जिन्होंने भारतीय पत्रकारिता में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी निडर और सच्चा रिपोर्टिंग ने भारतीय समाज को अधिक जागरूक और न्यायसंगत बनाने में मदद की है।