Tuesday, October 8, 2024
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जानें क्यों दशहरा शारदीय नवरात्र के बाद 10वें दिन ही मनाया जाता है

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शारदीय नवरात्र के बाद दशहरा को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा की पूजा होती है। मां दुर्गा को शक्ति की देवी माना जाता है। भगवान राम ने रावण का वध करने के लिए मां दुर्गा की आराधना की थी। मां दुर्गा ने उनकी मदद की और रावण का वध किया। इसलिए, नवरात्रि के 9 दिनों के बाद दशहरा को मनाया जाता है। (Know why Dussehra is celebrated only on the 10th day after Shardiya Navratri)

दशहरा का महत्व

दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। रावण एक राक्षस था जो क्रूरता और अत्याचार का प्रतीक था। भगवान राम ने उसकी बुराई का अंत करके अच्छाई की जीत का संदेश दिया। दशहरा का त्योहार हमें यह याद दिलाता है कि बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होती है।

दशहरा की पूजा विधि

दशहरा के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और साफ कपड़े पहनते हैं। फिर, वे मंदिर में जाते हैं और मां दुर्गा की पूजा करते हैं। पूजा में मां दुर्गा को अक्षत, रोली, कुमकुम, हल्दी, सिंदूर, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं। मां दुर्गा के मंत्रों का जाप किया जाता है।

दशहरा की कथा

दशहरा की कथा भगवान राम और रावण के युद्ध की कथा है। भगवान राम ने रावण का वध करके लंका पर विजय प्राप्त की थी। इस जीत की याद में दशहरा का त्योहार मनाया जाता है।

दशहरा की शुभकामनाएं

दशहरा की शुभकामनाएं! यह दिन आपके जीवन में खुशियों और सफलता लेकर आए।

दशहरा के पीछे की पौराणिक कथा

एक समय में लंका का राजा रावण था। वह बहुत शक्तिशाली और क्रूर था। उसने देवताओं को परेशान करना शुरू कर दिया। देवताओं ने मां दुर्गा से मदद मांगी। मां दुर्गा ने रावण का वध करने के लिए 9 दिनों तक तपस्या की। 9 दिनों के बाद मां दुर्गा ने रावण का वध किया और देवताओं को बचाया।

रावण के वध के बाद, भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त की। इस जीत की याद में हर साल दशहरा का त्योहार मनाया जाता है।

दशहरा के दिन रावण के पुतले का दहन

दशहरा के दिन लोग रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाते हैं। यह प्रतीकात्मक रूप से बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है। रावण के पुतले को बुराई का प्रतीक माना जाता है। उसके पुतले को जलाकर लोग बुराई को जलाने का संदेश देते हैं।

दशहरा के अन्य त्योहार

दशहरा के दिन अन्य त्योहार भी मनाए जाते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • धनतेरस – यह त्योहार धन और आभूषणों की खरीद के लिए जाना जाता है।
  • छोटी दिवाली – यह त्योहार धनतेरस के अगले दिन मनाया जाता है।
  • दीपावली – यह त्योहार दशहरा के 20 दिन बाद मनाया जाता है।
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