Sunday, May 5, 2024
bharat247 विज्ञापन
Homeयौन स्वास्थ्यSex Education in Hindi – यौन शिक्षा (सेक्स एजुकेशन) के बारे में...

Sex Education in Hindi – यौन शिक्षा (सेक्स एजुकेशन) के बारे में A to Z जानकारी !

- विज्ञापन -

Yon Shiksha in Hindi – Sex Education क्या है? 

भारत में यौन शिक्षा के बारे में खुलकर बात करने का मतलब होता है अपनी संस्कृति के विरुद्ध जाना। इसमें सही भी कुछ नही है और गलत भी कुछ नही। दोनो बातें ही अपने-अपने प्रोस्पेक्ट्स (नजरिए) से सही है। लेकिन सेक्स एजुकेशन भारत की हर अविवाहित लड़के-लड़कियों को जरूर मिलना चाहिए। क्योंकी जब आपको पता होता है की क्या करना है और क्या नही? तो फिर आपको जीवन में कभी भी यौन रोग (Sexual Disorder) नही होंगा। आपने Sex Education पर इंटरनेट पर सैकड़ो पोस्ट पढ़ी होंगी और हजारो वीडियो देखें होंगे सब एक ही घिसी-पीटी बात को बोल रहे हैं या लिख रहे हैं की सेक्स कैसे करें, किस उम्र में क्या करे, बच्चा कैसे पैदा होता है लेकिन इस पोस्ट में आप आपको असली, वास्तविक और यूनिक यौन ज्ञान प्राप्त होंगा। यहाँ पर किसी भी प्रकार के उत्पाद का प्रचार नही किया जायेगा। आप चाहे शादीशुदा लोग हो या युवा लड़का-लड़की, ये पोस्ट हर कैटेगरी के लोगो के लिए लिखी गई है। भारत के महान लोगो और यौन रोग विशेषज्ञों (प्राकृतिक डॉक्टर) के विचारों को लिया गया है । साथ ही परिवार नियोजन लड़की या लड़को के नीचे के बाल काटने का सही तरीका (natural way to clean private parts hair) , चुम्बन, सेक्स के बारे में रौचक तथ्य, महिला के पीरियड्स (मासिक धर्म) आना और यौन रोग निवारण घरेलू उपाय के बारे में भी काफी अमूल्य जानकारी दी गई है।

Sex Facts and Myths in Hindi सेक्स से जुड़े तथ्य

#1. वीर्य में कई प्रकार के हार्मोन्स, मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं। जो महिला के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध होते हैं। वीर्य, मुँह के द्वार से महिला के शरीर में जाने से वो इसलिए गर्भवती नही होती है। क्योकी गले का मार्ग गर्भाशय से नही जुड़ा होता है।

#2. इसलिए मुखमैथुन और वीर्यपान भी एक अच्छा गर्भनिरोधक उपाय है।

#3. हवस, प्यार और अश्लीलता में अंतर होता है। इसको एक ना समझे।

#4. चुम्बन करने से महिला और पुरूष दोनो ही सेक्स से दस गुना अधिक आनंद प्राप्त करते है। सेक्स से पहले चुम्बन करने से उत्तेजना का स्तर कई गुणा बढ़ जाता है।

#5. स्त्री को गले लगाने से पुरुष के सारे तनाव एक सेकेंड में खत्म हो जाते हैं। गले मिलना पुरुष व महिला दोनो को संतुष्टि प्रदान करता है।

Most Useful Sex Knowledge in Hindi (pregnancy problems and solutions in Hindi )

1. गर्भ में बच्चा पलने के बाद हमेशा ध्यान रहे, आपके चाहे पहला महीना चल रहा है या आठवां, आप जो भी खा रहे हैं वह एक आदमी का नही है, दो जनों का खाना खा रहे हैं (एक माँ और दूसरा का आपका बच्चा) ऐसे में आपको एक बदलाव करना है। सुबह 12 बजे से पहले चार प्रकार के फल जितने आप खा सकती है उतने खाये इसके साथ ही पांच फलो के रस पेय पदार्थ (5 Fruits Drinks) और जोड़ने है। यह गर्भवती महिला की डाइट है।[१]. दिन में दो बार ताजा नारियल पानी पीना है[२]. सुबह 12 बजे से पहले फलो के साथ कोई भी एक फ्रूट जूस घर पर हाथ से बनाया हुआ पी ले। बाजार के नकली पैक्ड ज्यूस ना पीए। मौसम्बी (संतरा), पाइनेपल या कोई भी चलेगा। ध्यान रखे छानना नही है ऐसे ही धीरे-धीरे पी ले।[३]. इसके अलावा एक गिलास लाल-हरा वेजिटेबल्स ज्यूस मतलब खीरे का रस, टमाटर का रस, पालक का रस और गाजर का रस इन सबको मिलाकर या अलग-अलग एक गिलास दिन में पी ले।

[४]. चौथा रस है नट शेक इसके अंतर्गत मूठीभर Nuts लीजिए जैसे; बादाम, काजू, किशमिश, इन्हें एक रात पानी में भिगो दे, इसके बाद सुबह इनको धोकर गंदा पानी निकालकर मिक्सी में डालकर पीस दीजिए। यह ज्यूस भी दिन में एकबार पी लीजिए।

2. इसके अलावा जब भी आप अपने बच्चे को स्तनपान (Breastfeeding) करवाये। तो एकदम शांत, प्रसन्न व खुशी-खुशी करवाये। अगर टीवी देखते-देखते, कुछ भी मन को दुःख देने वाले सीन दृश्य देखकर या चिंता करके दूध पिलाएगी तो वह दूध जहर बन जायेगा।

3. किसी भी गर्भवती महिला को Supplements, फॉलिक एसिड और कई प्रकार की मेडिकल की गोलियां भूल से ना दे। ये दवाइयां आपके तो शरीर को विकृत करेंगी ही करेंगी साथ में आपके बच्चे को भी नुकसान पहुँचायेगी। मुझे अच्छी तरह से पता है कुछ लोगो के ये सब बातें पले नही पड़ रही होंगी मतलब समझ में नही आ रही होंगी। लेकिन मेरा विश्वास मानिए, जो कुछ बोल रहा हूँ आपके भले के लिए ही लिख रहा हूँ और दूसरी बात पूरी पोस्ट पढने के बाद आपको सबकुछ समझ में आ जायेगा।

4. कई बार कुछ मूर्ख लोग डॉक्टर के पास जाकर अल्ट्रासाउंड मशीन से बच्चे की पोजीशन चेक करते है। और वे अंदाजा लगाकर कुछ भी बोल देते हैं। जिसकी कोई गारंटी नही वह ऐसा हो। मतलब एक अच्छा भला बच्चे को पेट में कन्फ्यूजन् पैदा कर दी। अल्ट्रासाउंड जांच से बच्चे को बहुत गहरा नुकसान होता है।

6. सूर्यग्रहण और चन्द्रग्रहण का भी बच्चे पर प्रभाव पड़ता है इसलिए गर्भवती महिला को सूर्यग्रहण व चन्द्रग्रहण के दिन घर से बाहर ना निकाले।

7. महिला गर्भवती होते ही उसको मायके ना भेजते हुए ससुराल में ही रखें या भारत के किसी आध्यात्मिक शहर (Spiritual Cities) में चले जाए जहाँ पर शांति हो वही पर उसकी देखभाल करें। इस समय पत्नी को पति की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। क्योकी गर्भावस्था में महिला को बहुत प्रकार का तनाव होता है। ऐसे में पति का साथ में होना आवश्यक है।

प्रारभिंक मासिक धर्म, यौवन, शुरुआती माहवारी, हार्मोन और किशोर स्वास्थ्य [ Early Periods, Menstruation, hormones & Adolescent health ]

शरीर के अंदर कोई भी बीमारी या बदलाव समय से पहले आ जाये तो इसका मतलब उस पुरुष या महिला का जीवन दिनचर्या और भोजन (Lifestyle & Food) दोनो खराब है। यौवन में शाररिक व मानसिक गलत बदलाव का यही कारण है कि उनके पूरे दिन के भोजन में 50% भी फल ,कच्ची सब्जी, फलो का रस, सूखा मेवा और अंकुरित अनाज नही होता। यही इन समस्याओं की जड़ है। इसी कारण समय से पहले अवांछित बच्चो के शरीर में बदलाव हो जाता है। निष्कर्ष यह निकलता है की पूरे दिन के भोजन में पच्चास प्रतिशत फ्रूट्स, कच्चा वेजिटेबल्स (टमाटर, खीरा, गाजर) ड्राई फ्रूट्स और अंकुरित अनाज खाए। इसके अलावा आज आपको एक काम की बात बताना चाहता हूं ; महिलाओ का जो मासिक धर्म चक्र होता है। वह 4-5 दिनों का ही होता है और ये चार-पांच दिन सबसे पवित्र होते हैं। इसलिए महिलाओं को इन दिनों फालतू के काम (झाड़ू, पोछा आदि) ना करवाए। इन 5 दिनों में ईश्वर का ध्यान करें, भजन करे, साधना करे, प्राणायाम करे, मन में भगवान से बात करना, चिंतन करना। इसलिए कहा गया है की दिन के जो सामान्य काम है वो उन पवित्र दिनों में नही करना चाहिए। लेकिन वर्तमान कलयुग में इसका उल्टा होता है। क्यों मैने सही बोला ना? आज किसी महिला या लड़की को पीरियड है तो उसको मंदिर में जाने का अधिकार नहीं है, उसको पूजा करने नही दिया जाता है, उसको बहुत मानसिक प्रताडना दी जाती है। अरे भाई लोगो पीरियड्स का मतलब सीधा यह है की उस लड़की / महिला के शरीर की साफ-सफाई कुदरत ( प्रकृति) कर रही है। ये कोई बीमारी या कमजोरी का कारण नही है। आपको मासिक धर्म को कम करने के लिए किसी प्रकार का टॉनिक या दवाई लेने की आवश्यकता नहीं है।

लड़कियों और लड़कों के नीचे के बाल काटने का सही तरीका ( how to clean hair of private parts male and female in hindi )

महिला योनि और पुरूष लिंग के आसपास के बाल जिसे आम बोलचाल की भाषा में झाट या नीचे के बाल कहते हैं उसको जरूर साफ रखे। लेकिन हमें सही तरह से इन बातों का ध्यान नहीं होने की वजह से कई साल तक खुजली, दाद और कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। भारत में लड़का हो या लड़की, पुरुष हो या महिला या फिर वृद्ध दंपति हम सबको प्राइवेट पार्ट्स के बाल काटने का एक ही तरीका पता है वो है रेजर (razor) लेकिन सच बात बताऊ तो ये सबसे घटिया और चु ** या तरीका है लड़के और लड़की के नींचे के बाल साफ करने का। बाथरूम में जो भी साबुन या शैम्पू दिखा उसको झाट पर रगड़कर धमाधम रेजर घुमाओ ये हो गए बाल साफ। रेजर से नीचे के बाल काटने के सबसे बड़े नुकसानो में से एक नुकसान यह है की आपको खुजली की समस्या जीवनभर चलती रहेगी। इसके अलावा नीचे के बाल बहुत कड़क आते हैं। अब इसका समाधान मैं बताने वाला हूँ जो सबसे अच्छा है मैं खुद इसी को पिछले पांच सालों से उपयोग कर रहा हूँ कोई दिक्कत नही है और खुजली की समस्या गायब हो गई।

  • बाजार से कोई भी इलेक्ट्रिकल ट्रिमर (Electrical Trimmer) खरीदिए।
  • ट्रिमर पुरुषों के चेहरे के बाल हटाने का एक नवीनतम और सुरक्षित तरीका है। लेकिन इसको पुरूष व महिला के Private Parts Hair Removal के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
  • ध्यान रखने वाली बात यही है की जब भी आप ट्रिम करे तो उस ट्रिमर में 2 नम्बर या जो ब्लेड प्रोटेक्शन है उसको जरूर लगाए।
  • ब्लेड Protector ट्रिमर के साथ फ्री में आते है। जब आप एक्सपर्ट बन जाओगे तो फिर आपको कोई Protector साँचा लगाने की आवश्यकता नहीं है। सीधा ही झांटो पर चला सकते हो।
  • ट्रिमर से नीचे के बाल साफ करने से किसी प्रकार की कोई समस्या नही आती। यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है।

यौन शिक्षा का हिस्सा है परिवार नियोजन ( Family Planning tips in Hindi )

परिवार नियोजन को English language में फैमिली प्लानिंग कहते है। बच्चा पैदा होने से पहले उसका नियोजन (गर्भ-संस्कार) करवाना जरूरी है। तभी आपकी संतान संस्कारी, समाजसेवी, तपस्वी, तेजस्वी बनेगी। ये गर्भोत्सव संस्कार क्या होता है? बच्चे के जन्म से पहले मतलब जब माँ प्रेग्नेंट हो तो शिशु के पहले महीने से नौ महीने तक उसकी वैदिक सनातन (हिन्दू) धर्म परम्परा के अनुसार क्रिया-कलाप और संस्कार विधि करना। इस विषय पर इंटरनेट पर आप विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकती है / कर सकते हैं। माता-पिता दोनो का कर्त्तव्य है इसके अंतर्गत आपको 1st Month से 9th Month तक क्या करना है और क्या नही करना है उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। इसके अलावा दूसरा काम ये है करे जब स्त्री गर्भवती हो जाए तो ब्रह्मचर्य का पालन करे। इसका मतलब यह है की महीने में एकबार ही सेक्स करें। पुरूष और महिला दोनो शरीर श्रम (मेहनत) का काम जरूर करें। विवाह करने से पहले हमारे बुजुर्ग या परिवार के लोग अलग-अलग नाड़ी और गोत्र की लड़की से शादी करने को बोलते हैं। आपको बता दूं इसका वैज्ञानिक महत्व है। हमारे देश भारत में अरेंज मैरिज की परंपरा है और जन्मकुंडली का मेल करवाया जाता है ताकि ये सुनिश्चित हो जाए की ब्राह्मणीय ताकते (Cosmic Force) इस जोड़े को आशीर्वाद देती है।

- विज्ञापन -
Bharat247
Bharat247https://bharat247.com
bharat247 पर ब्रेकिंग न्यूज, जीवन शैली, ज्योतिष, बॉलीवुड, गपशप, राजनीति, आयुर्वेद और धर्म संबंधित लेख पढ़े!
संबंधित लेख
- विज्ञापन -

लोकप्रिय लेख

- विज्ञापन -